वृक्ष किताबें अंतरिक्ष कैमरा कृति के आवश्यक सोपान निम्नलिखित शब्दों के आधार पर कहानी लिखिए तथा उसे उचित शीर्षक दीजिए
निम्नलिखित शब्दों के आधार पर कहानी लिखिए तथा उसे उचित शीर्षक दीजिए :-
कृति के आवश्यक सोपान
वृक्ष किताबें अंतरिक्ष कैमरा
सपने अंतरिक्ष के
रामू एक गरीब और बुद्धिमान लड़का था। उसे अंतरिक्ष के विचित्र चीजों में बहुत दिलचस्पी थी। इसलिए वह अपने घर के सामने एकांत जगह में एक वृक्ष के नीचे अंतरिक्ष से संबंधित कई पुस्तकें दिन भर पढ़ता रहता था। उसे काफी ज्ञान भी हो गया था। स्कूल में अंतरिक्ष से संबंधित शिक्षक से कोई भी सवाल पूछे जाने पर रामू उसका उत्तर तुरंत देता था। जिससे उसके शिक्षक भी आश्चर्यचकित रह जाते थे कि रामू को तो इतनी सारी जानकारी है जितना उन्हें स्वयं नहीं ही।
एक बार शिक्षक ने रामू से पूछा कि तुम्हें अंतरिक्ष की इतनी जानकारी कैसे है? तो रामू ने उत्तर दिया कि उसने अंतरिक्ष से संबंधित काफी पुस्तकें पढीं हैं । रामू ने कहा कि मुझे एक अंतरिक्ष यात्री बनना है,
पर मुझे उसके लिए क्या करना चाहिए यह मुझे पता नही है । उसके शिक्षक ने कहा कोई बात नहीं,
मैं तुम्हें अपने एक मित्र रमेश से मिलाता हूँ जो स्वयं एक अंतरिक्ष यात्री हैं।
जब रामू उनके मित्र रमेश से मिला तो वह हैरान रह गया । उसने देखा कि उनके पास एक बहुत भव्य प्रयोगशाला है जिसमें अंतरिक्ष से संबंधित सभी चीजें है । वहाँ पर उसने धीरे-धीरे बारीकी से सारी चीजों का निरीक्षण किया उसे बहुत आनंद मिला, बहुत खुशी हुई । रामू ने वहाँ रखे हुए विचित्र पिंडों के तस्वीरें देखीं जिसे पूछने के बाद उसे पता चला कि रमेश ने वह तस्वीरें स्वयं अपने कैमरे से अंतरिक्ष में खींची है । रामू बहुत खुश हुआ कि उसे ऐसा मौका मिला। रमेश ने रामू से कहा कि वह चाहे तो प्रयोगशाला में हर दिन २ घंटे आ सकता है । रमेश ने कहा, मैं तुम्हें अंतरिक्ष के बहुत से रहस्य बताऊँगा । यह सुनकर रामू बहुत खुश
हुआ कि उसने जो सपने देखे थे अब वह सपने पूरे हो जाएंगे ।
कृति के आवश्यक सोपान
वृक्ष किताबें अंतरिक्ष कैमरा
सपने अंतरिक्ष के
रामू एक गरीब और बुद्धिमान लड़का था। उसे अंतरिक्ष के विचित्र चीजों में बहुत दिलचस्पी थी। इसलिए वह अपने घर के सामने एकांत जगह में एक वृक्ष के नीचे अंतरिक्ष से संबंधित कई पुस्तकें दिन भर पढ़ता रहता था। उसे काफी ज्ञान भी हो गया था। स्कूल में अंतरिक्ष से संबंधित शिक्षक से कोई भी सवाल पूछे जाने पर रामू उसका उत्तर तुरंत देता था। जिससे उसके शिक्षक भी आश्चर्यचकित रह जाते थे कि रामू को तो इतनी सारी जानकारी है जितना उन्हें स्वयं नहीं ही।
एक बार शिक्षक ने रामू से पूछा कि तुम्हें अंतरिक्ष की इतनी जानकारी कैसे है? तो रामू ने उत्तर दिया कि उसने अंतरिक्ष से संबंधित काफी पुस्तकें पढीं हैं । रामू ने कहा कि मुझे एक अंतरिक्ष यात्री बनना है,
पर मुझे उसके लिए क्या करना चाहिए यह मुझे पता नही है । उसके शिक्षक ने कहा कोई बात नहीं,
मैं तुम्हें अपने एक मित्र रमेश से मिलाता हूँ जो स्वयं एक अंतरिक्ष यात्री हैं।
जब रामू उनके मित्र रमेश से मिला तो वह हैरान रह गया । उसने देखा कि उनके पास एक बहुत भव्य प्रयोगशाला है जिसमें अंतरिक्ष से संबंधित सभी चीजें है । वहाँ पर उसने धीरे-धीरे बारीकी से सारी चीजों का निरीक्षण किया उसे बहुत आनंद मिला, बहुत खुशी हुई । रामू ने वहाँ रखे हुए विचित्र पिंडों के तस्वीरें देखीं जिसे पूछने के बाद उसे पता चला कि रमेश ने वह तस्वीरें स्वयं अपने कैमरे से अंतरिक्ष में खींची है । रामू बहुत खुश हुआ कि उसे ऐसा मौका मिला। रमेश ने रामू से कहा कि वह चाहे तो प्रयोगशाला में हर दिन २ घंटे आ सकता है । रमेश ने कहा, मैं तुम्हें अंतरिक्ष के बहुत से रहस्य बताऊँगा । यह सुनकर रामू बहुत खुश
हुआ कि उसने जो सपने देखे थे अब वह सपने पूरे हो जाएंगे ।